Report By: Kiran Prakash Singh
अगले सप्ताह सोने की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक हालात, डॉलर इंडेक्स की कमजोरी, और निवेशकों की सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ती रुचि के चलते सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही अमेरिकी महंगाई और खुदरा बिक्री के आँकड़े भी इस कीमती धातु की चाल को प्रभावित करेंगे।
कमजोर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के कारण निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, और सोना परंपरागत रूप से ऐसा ही एक साधन माना जाता है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यदि सोना मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 97,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर टिकता है, तो इसमें और तेजी संभव है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि रुपये में कमजोरी से घरेलू बाजार में सोना और महंगा हो सकता है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे एक बड़ा कारण वैश्विक व्यापार तनाव है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कनाडा और ब्राजील पर 35 फीसदी से 50 फीसदी तक नए टैरिफ लगाए जाने से व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। इसका सीधा असर निवेश धारणा पर पड़ा है और सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग तेज हो गई है।
बाजार के विश्लेषकों के मुताबिक, एमसीएक्स पर सोना 94,951 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 97,830 रुपये तक पहुंच गया, जो करीब 3 फीसदी की बढ़ोतरी है। उन्होंने इसके पीछे ट्रम्प प्रशासन द्वारा तांबा, एल्यूमीनियम और फार्मा उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने को जिम्मेदार ठहराया है।
अगर मौजूदा परिस्थितियां बनी रहीं तो एमसीएक्स पर सोने की कीमत 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है।
सोना छू सकता है ₹1 लाख का आंकड़ा, डॉलर की कमजोरी और वैश्विक तनाव बना वजह
नई दिल्ली: अगले सप्ताह सोने की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वैश्विक आर्थिक हालात, डॉलर इंडेक्स में गिरावट, और निवेशकों के बीच सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग जैसे कारकों ने इस कीमती धातु की चमक और भी तेज कर दी है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें नई ऊंचाइयों को छू सकती हैं।
डॉलर कमजोर, सोना मजबूत
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में कमजोरी देखने को मिल रही है, जिसके चलते निवेशक जोखिम भरे एसेट्स से हटकर सोने की ओर रुख कर रहे हैं। इतिहास गवाह है कि जब भी वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है, सोना निवेशकों का पसंदीदा विकल्प बन जाता है।
अमेरिकी महंगाई और बिक्री आंकड़ों की नजर
अमेरिका में महंगाई और खुदरा बिक्री के ताजा आंकड़े भी आने वाले हफ्ते में जारी होने हैं, जो सोने की चाल को प्रभावित कर सकते हैं। यदि महंगाई में तेजी आती है, तो सोने को समर्थन मिल सकता है क्योंकि यह मुद्रास्फीति के खिलाफ एक हेज के रूप में काम करता है।
MCX पर ₹97,830 तक पहुंचा सोना
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना हाल ही में ₹94,951 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर ₹97,830 तक पहुंच गया है — जो करीब 3% की बढ़ोतरी है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यदि सोना ₹97,000 के स्तर को पार कर टिकता है, तो ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम तक का आंकड़ा दूर नहीं है।
ट्रंप की नीतियों से बढ़ा व्यापार तनाव
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और ब्राजील पर 35% से 50% तक के टैरिफ लगाए जाने की खबरों ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका को फिर हवा दी है। ट्रंप प्रशासन द्वारा तांबा, एल्यूमीनियम और फार्मा उत्पादों पर भी टैरिफ बढ़ाए गए हैं। इस वजह से निवेशकों का भरोसा शेयर बाजारों से हटकर सुरक्षित एसेट्स पर आ गया है, और सोने की मांग में जोरदार इजाफा देखा गया है।
कमजोर रुपया भी एक कारण
घरेलू बाजार में रुपये में कमजोरी के चलते आयातित सोना महंगा हुआ है। यह स्थिति घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में और इजाफा ला सकती है।
क्या अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी रिकॉर्ड बनेगा?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है, बशर्ते मौजूदा भू-राजनीतिक और आर्थिक तनाव जारी रहें। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बाजार को निवेशकों के मजबूत समर्थन की जरूरत होगी।