Report By: Kiran Prakash Singh
मुंबई (digitallivenews)।
ब्रेस्टफीडिंग वीक के मौके पर अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता नेहा धूपिया ने मातृत्व से जुड़े अपने निजी अनुभवों को साझा करते हुए एक अहम मुद्दे पर खुलकर बात की। वह “फ्रीडम टू फीड” अभियान से जुड़ी हुई हैं, जो 2019 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य है – मातृत्व के व्यक्तिगत सफर और बिना शर्म या संकोच के सार्वजनिक स्तनपान को सामान्य बनाना।
नेहा ने बताया कि इस पहल की शुरुआत उनके निजी अनुभव से हुई थी। मां बनने के शुरुआती समय को उन्होंने “असुरक्षित, आलोचनात्मक और अलग-थलग महसूस करने वाला” बताया, जबकि यह समय उनके जीवन का सबसे स्वाभाविक और सशक्त अनुभव होना चाहिए था। उन्होंने कहा,
“जब मैंने फ्रीडम टू फीड शुरू किया, तो मैं बस अपनी कहानी साझा कर रही थी। लेकिन आज, मुझे एहसास है कि ऐसी कहानियां हजारों महिलाओं की हैं।”
उनका मानना है कि जब महिलाएं अपने अनुभव साझा करती हैं, तो यह एक सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत हो सकती है। इस साल वह इस मुहिम को और भी जोरदार और प्रभावशाली बनाना चाहती हैं।
नेहा ने स्पष्ट रूप से कहा:
“किसी भी महिला को सिर्फ अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए शर्मिंदगी नहीं झेलनी चाहिए। यह गरिमा और सम्मान का मामला है। अब वक्त आ गया है कि हम सब इसके लिए एकजुट होकर खड़े हों।”
फ्रीडम टू फीड एक पेरेंटिंग अभियान है, जो माताओं को समर्थन देने और स्तनपान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार्य बनाने की दिशा में काम करता है।
नेहा धूपिया की निजी ज़िंदगी की बात करें तो उन्होंने 2018 में अभिनेता अंगद बेदी से शादी की थी और उसी साल उनकी बेटी मेहर धूपिया बेदी का जन्म हुआ। उनका एक बेटा भी है।
यह पहल न सिर्फ मातृत्व को सम्मान देती है, बल्कि समाज में महिलाओं के लिए एक सशक्त, स्वीकार्य और समान स्थान सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।