Report By: Kiran Prakash Singh
वाशिंगटन(digitallivenews)
2 अगस्त 2027 को एक असाधारण पूर्ण सूर्यग्रहण लगेगा, जिसे इस सदी की सबसे महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं में से एक माना जा रहा है, यह ग्रहण करीब 6 मिनट 23 सेकंड तक चलेगा, जो 1991 और 2114 के बीच धरती से दिखाई देने वाले सबसे लंबे पूर्ण सूर्यग्रहणों में से एक होगा, रिपोर्ट के मुताबिक साल 2027 का पूर्ण सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ घटना होगी, जिसमें सूर्य पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाएगा, पता चला है कि इस सूर्यग्रहण के दौरान एक ऐसा वक्त आएगा, जब सूर्य बिल्कुल भी नहीं दिखेगा और धरती पर पूरी तरह से रात जैसा नजारा होगा।
उस वक्त चंद्रमा, सूर्य की किरणों को पूरी तरह से पृथ्वी पर आने से रोक देगा और जिन जिन देशों में सूर्यग्रहण लगा रहेगा, बारी बारी से हर देश में रात के जैसा नजारा बनता चला जाएगा। इससे दिन के आकाश में कुछ समय के लिए गुप अंधेरा छा जाएगा।
जिन देशों में इसका सबसे ज़्यादा असर दिखेगा, उसमें मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, मिस्र, सूडान, सऊदी अरब, यमन और सोमालिया शामिल है। इस दौरान चंद्रमा, सूर्य की किरणों को पूरी तरह से पृथ्वी पर आने से रोक देगा, जिससे दिन के आकाश में कुछ समय के लिए घुप अंधेरा छा जाएगा, फिलहाल, भारत में इस सूर्यग्रहण के दिखाई देने की संभावना नहीं है, यह ग्रहण मुख्य रूप से उल्लिखित अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों में ही दिखाई देगा।
क्या होता है पूर्ण सूर्यग्रहण?
पूर्ण सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को पूरी तरह से ढक लेता है, यह घटना केवल अमावस्या के दिन ही संभव है, और वह भी तब जब चंद्रमा की कक्षा और पृथ्वी की स्थिति एकदम सीधी रेखा में हो।
रॉयल म्यूजियम ग्रीनविच के वरिष्ठ खगोलशास्त्री ग्रेग ब्राउन ने कहा है कि यह ग्रहण छह मिनट तक चलेगा, जो इस तरह की ब्रह्मांडीय घटना के लिए असाधारण रूप से लंबा समय है, ग्रेग ब्राउन के मुताबिक, यह ग्रहण 1991 से 2114 तक के बीच का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, आमतौर पर पूर्ण सूर्यग्रहण कुछ सेकंड से लेकर 4-5 मिनट तक रहते हैं, लेकिन 2027 का यह ग्रहण 6 मिनट से भी ज्यादा समय तक चलेगा, उन्होंने कहा कि सूर्य और चंद्रमा की दूरी में लगातार हल्का-फुल्का परिवर्तन होता रहता है, जिसकी वजह से ग्रहण की अवधि कम-ज्यादा हो सकती है।