Report By: Kiran Prakash Singh
नई दिल्ली,(digitallivenews) 11 अगस्त:
वोटर वेरिफिकेशन और मतदाता सूची में कथित धांधली के खिलाफ विपक्ष ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में एक बड़ा विरोध मार्च निकाला। इस मार्च का नेतृत्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, और अन्य विपक्षी नेताओं ने किया। लगभग 300 सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने की कोशिश की, जिसे दिल्ली पुलिस ने बीच में ही रोक दिया।
मार्च की शुरुआत संसद से
सोमवार सुबह संसद के मकर द्वार पर एकत्रित हुए विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रगान गाकर और “एसआईआर वापस लो” जैसे नारों के साथ चुनाव आयोग की ओर कूच किया। सभी प्रदर्शनकारी “वोट बचाओ” जैसे पोस्टर और बैनर लिए हुए थे।
पुलिस बैरिकेडिंग और झड़प
मार्च को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेड लगाए। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बैरिकेड कूदते हुए पुलिस को चकमा दिया और आगे बढ़ने की कोशिश की। कई स्थानों पर पुलिस और सांसदों के बीच बहस हुई। इसके बाद पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, डिंपल यादव, संजय राउत और अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया।
प्रमुख नेता और दल हुए शामिल
इस मार्च में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में थे:
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शशि थरूर, जयराम रमेश (कांग्रेस)
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अखिलेश यादव, डिंपल यादव (सपा)
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संजय राउत (शिवसेना)
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टीएमसी, डीएमके, और आईएनडीआईए गठबंधन के अन्य सांसद
लोकसभा कार्यवाही स्थगित
इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ, जिससे लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
दिल्ली पुलिस का बयान
दिल्ली पुलिस ने कहा कि विपक्षी दलों ने मार्च के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी। इसलिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए जाने से पहले प्रियंका गांधी ने कहा, “यह सरकार डर गई है और सच का सामना नहीं कर सकती।”
निष्कर्ष
वोटर वेरिफिकेशन और मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को लेकर विपक्ष का यह प्रदर्शन ना सिर्फ चुनाव आयोग, बल्कि सरकार के खिलाफ भी सीधा संदेश है। सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने और विपक्ष की आवाज़ दबाने के आरोप लगाए गए हैं। वहीं, पुलिस का तर्क है कि बिना अनुमति प्रदर्शन कानून के खिलाफ है। आने वाले समय में यह मुद्दा और अधिक राजनीतिक गरमाहट ला सकता है।