Report By: Kiran Prakash Singh
लखनऊ,(digitallivenews)11 अगस्त:
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ हो गया है। इस अवसर पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक अहम बयान देते हुए पक्ष और विपक्ष दोनों से सत्र को शांतिपूर्ण और सार्थक ढंग से संचालित करने की अपील की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सत्र भले ही छोटा हो, लेकिन इसे केवल औपचारिकता बनाकर न छोड़ा जाए, बल्कि इसे प्रदेश और जनहित के लिए उपयोगी बनाना बेहद जरूरी है।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि सरकार और विपक्ष दोनों को अपने राजनीतिक स्वार्थ, कटुता और द्वेष को छोड़कर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने संसद के मौजूदा मानसून सत्र का हवाला देते हुए बताया कि वहां शांति का अभाव होने से जनहित के मुद्दों पर गंभीर चर्चा नहीं हो पा रही है, जो चिंताजनक है।
बसपा प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर भी अपनी चिंता जताई। उन्होंने अमेरिकी टैरिफ के भारतीय व्यापार और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित नकारात्मक प्रभाव की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह मामला देश के ‘अच्छे दिन’ और आर्थिक भविष्य से जुड़ा हुआ है, जिसे किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस विषय पर संसद में गंभीर चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके साथ ही, मायावती ने मतदाता सूची और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की पारदर्शिता को लेकर उठ रही शंकाओं को जल्द से जल्द दूर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की नींव मजबूत रखने के लिए इन सवालों का समाधान आवश्यक है।
मायावती की यह अपील सिर्फ राजनीतिक दलों के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश है। उनके बयान में जहां जनहित की प्राथमिकता है, वहीं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता बनाए रखने की भी चिंता साफ झलकती है।