Report By: Kiran Prakash Singh
कोल्हापुर (महाराष्ट्र):
कोल्हापुर के नंदिनी मठ की हाथिनी ‘मधुरी’ को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि यदि सुप्रीम कोर्ट अनुमति देता है, तो हाथिनी मधुरी को वंतारा से कोल्हापुर वापस लाया जाएगा। उन्होंने इसे “अच्छी खबर” बताते हुए सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की।
फडणवीस ने जताई सकारात्मक पहल की उम्मीद
फडणवीस ने बताया कि मुंबई में वंतारा टीम से हुई विस्तृत चर्चा के दौरान, वंतारा ने सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की याचिका में शामिल होकर मधुरी की सुरक्षित वापसी में सहयोग देने का भरोसा जताया है।
“यह अच्छी खबर है कि वंतारा ने भरोसा दिलाया है कि वे सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की याचिका में शामिल होकर हाथिनी ‘मधुरी’ को मठ में वापस लाने में सहयोग देंगे।” – देवेंद्र फडणवीस (X पर)
वंतारा का स्पष्टीकरण: निर्णय न्यायालय के आदेशों पर आधारित था
वंतारा की ओर से जारी आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया गया है कि हाथिनी मधुरी को स्थानांतरित करने का निर्णय उनकी पहल पर नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशों के अनुरूप लिया गया था।
बयान में कहा गया:
“हमने कभी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं रखा। हमने केवल हाथिनी की देखभाल, चिकित्सा सहायता और पुनर्वास की ज़िम्मेदारी निभाई है। न तो हमने यह स्थानांतरण सुझाया और न ही इसकी सिफारिश की।”
उन्होंने यह भी कहा कि वे जैन मठ के अनुयायियों, संतों और कोल्हापुर की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हैं और धार्मिक परंपराओं में हस्तक्षेप का कोई उद्देश्य नहीं था।
अब नजरें सुप्रीम कोर्ट पर
अब इस मामले में सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, क्योंकि कोल्हापुर वापसी तभी संभव होगी जब न्यायालय से अनुमति मिले।
स्थानीय स्तर पर यह मुद्दा धार्मिक आस्था, परंपरा और पशु अधिकारों के बीच संतुलन का प्रतीक बन गया है, जिसे संवेदनशीलता और सम्मान के साथ सुलझाने की कोशिश हो रही है।