“पहले थिएटर ही सब कुछ था’: काजोल बताती हैं क्यों पुरानी फिल्में आज भी याद रहती हैं”

Report By: Kiran Prakash Singh

मुंबई,

बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल ने अपनी पुरानी फिल्मों और आज के दौर के सिनेमा के फर्क पर खुलकर बात की। अभिनेत्री ने कहा कि पहले के समय में फिल्मों का असर लोगों पर कहीं ज्यादा होता था क्योंकि थिएटर ही एकमात्र जगह थी जहां लोग अपने पसंदीदा सितारों को देख सकते थे। उन्होंने कहा, “उस वक्त टीवी या मोबाइल पर फिल्में आसानी से नहीं मिलती थीं। इसलिए लोग फिल्मों को बहुत खास मानते थे और उनकी यादें भी लंबे समय तक बनी रहती थीं।”

आज के समय में फिल्मों की याददाश्त पहले जैसी क्यों नहीं रह गई – इस सवाल पर काजोल ने कहा: “मुझे लगता है कि आज भी कुछ फिल्में बहुत अच्छी और याद रखने लायक होती हैं, लेकिन शायद उनकी संख्या कम है। मैं ये नहीं कहूंगी कि आज ऐसी कोई फिल्म ही नहीं है।’’ उन्होंने आगे समझाया, “पहले समय में सिर्फ सिनेमा हॉल ही एकमात्र तरीका था अपने पसंदीदा सितारों को देखने का,अगर किसी को शाहरुख खान को देखना होता था, तो उसे थिएटर जाना पड़ता था। अगर कोई अजय देवगन का फैन होता था, तो वह भी उन्हें देखने थिएटर ही जाता था।”

काजोल ने कहा कि उस दौर में न सोशल मीडिया था, न ओटीटी। उन्होंने कहा, “जब किसी चीज को देखने या अनुभव करने का सिर्फ एक ही तरीका होता है, तो वही अनुभव सबसे गहरी याद बन जाता है। लेकिन जब किसी चीज को देखने के 15 अलग-अलग तरीके होते हैं, तो शायद वह उतनी गहराई से आपके दिल में नहीं बसती।” वर्कफ्रंट की बात करें तो काजोल जल्द ही कायोज ईरानी की फिल्म ‘सरजमीन’ में नजर आने वाली हैं।

इस फिल्म से सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान अपना बॉलीवुड डेब्यू करेंगे। पृथ्वीराज सुकुमारन भी इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म 25 जुलाई को जियो सिनेमा पर रिलीज होगी। इसके अलावा काजोल ‘महारागिनी – क्वीन ऑफ क्वीन’ नाम की फिल्म में भी दिखेंगी, जिसका निर्देशन चरण तेज उप्पलपति करेंगे।

इस फिल्म से उप्पलपति भी बॉलीवुड में अपने निर्देशन की पारी शुरू करेंगे। बता दें कि काजोल को ‘बाजीगर’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘गुप्त’, ‘इश्क’, ‘दुश्मन’ और ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए जानी जाती हैं।

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