AI से नौकरियों पर संकट? विनोद खोसला का दावा – 5 साल में 80% नौकरियां खत्म हो जाएंगी

Report By: Kiran Prakash Singh

नई दिल्ली, (digitallivenews)।

जैसे कभी कंप्यूटर के आने पर लोगों के मन में उत्साह और डर दोनों एक साथ पनपे थे, वैसा ही माहौल अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर बनता नजर आ रहा है। कुछ इसे क्रांति मान रहे हैं, तो कुछ इसे रोजगार का अंत कह रहे हैं। इसी बहस के बीच, भारतीय-अमेरिकी टेक निवेशक विनोद खोसला ने एक चौंकाने वाला दावा किया है।

■ 5 साल में 80% नौकरियां होंगी खत्म: विनोद खोसला

विनोद खोसला ने कहा:

“अगले पांच सालों में AI के कारण 80% नौकरियां खत्म हो जाएंगी। इन कामों को मशीनें इंसानों से बेहतर और ज्यादा कुशलता से करेंगी।”

उन्होंने बताया कि आज जो नौकरियां इंसान कर रहे हैं, वे जल्द ही AI के हवाले होंगी। और ये बदलाव सिर्फ सीमित क्षेत्र तक नहीं होगा, बल्कि हर सेक्टर में इसका असर दिखाई देगा।

■ जनरलिस्ट बनो, न कि सिर्फ स्पेशलिस्ट

खोसला ने छात्रों और युवाओं को सलाह देते हुए कहा कि:

“भविष्य में केवल स्पेशलिस्ट होना पर्याप्त नहीं होगा। छात्रों को जनरलिस्ट बनना होगा — यानी विभिन्न क्षेत्रों की समझ और क्षमता होनी चाहिए।”

AI के बढ़ते प्रभाव के साथ सिर्फ एक स्किल पर निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है। नए दौर में कई स्किल्स का संयोजन ज़रूरी होगा।

■ “जाने वाली नौकरियां, लेकिन नए अवसर भी”

हालांकि खोसला ने यह भी कहा कि:

“AI कुछ ऐसे नए अवसर और नौकरियां भी लाएगा जिनकी हम आज कल्पना भी नहीं कर सकते। लेकिन उनके लिए हमें नई सोच और नई तैयारी की जरूरत होगी।”

■ टेक कंपनियों में छंटनी का दौर जारी

खोसला की यह चेतावनी ऐसे वक्त आई है जब दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियां पहले ही वर्तमान वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं:

  • भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS ने हाल ही में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है।

  • कई कंपनियां “पुनर्गठन” की बात कर रही हैं, लेकिन हकीकत में यह AI के बढ़ते उपयोग और ऑटोमेशन की तरफ बढ़ता कदम है।


🔍 क्या कहता है यह बदलाव?

AI के इस युग में एक ओर कुशलता, पारदर्शिता और तेज़ी बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर मानव श्रम की पारंपरिक भूमिका को गहराई से चुनौती मिलेगी। आने वाले वर्षों में:

  • रोल्स बदलेंगे

  • जॉब प्रोफाइल्स नए होंगे

  • सिर्फ डिग्री नहीं, लर्निंग की क्षमता महत्वपूर्ण होगी

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