Report By: Kiran Prakash Singh
नई दिल्ली, (digitallivenews)।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में मंगलवार को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई, जलप्रलय जैसी स्थिति के बीच भारतीय सेना और वायुसेना ने राहत एवं बचाव कार्यों की कमान संभाल ली है। घटनास्थल पर 150 जवानों की टीम तैनात है और सेना के सेंट्रल कमांड के अनुसार कर्नल हर्षवर्धन इस ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे हैं।
सेना ने ट्रैकर डॉग्स, ड्रोन, लॉजिस्टिक सप्लाई ड्रोन, अर्थमूविंग मशीनें, मेडिकल टीमें और हेलीकॉप्टरों की मदद से राहत कार्य तेज कर दिया है। अब तक 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जबकि 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मलबे में अभी भी कई लोग दबे होने की आशंका है और उन्हें तलाशने का काम युद्धस्तर पर जारी है।
पीएम और गृह मंत्री की तत्परता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम धामी से बातचीत कर राहत कार्यों की समीक्षा की और सात अतिरिक्त बचाव दल भेजने का आदेश दिया।
प्राकृतिक आपदा से तबाह धराली गांव
धराली गांव में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने कई घरों, दुकानों और सड़कों को तबाह कर दिया। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए देहरादून, नैनीताल, चंपावत, उधमसिंहनगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार सहित कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
इस आपदा के कारण राज्य के नौ जिलों में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं। लाउडस्पीकरों के जरिए प्रशासन लगातार नदी किनारे और निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है।
प्रभावित क्षेत्र में खराब मौसम बनी बाधा
राज्य सरकार ने बताया कि खराब मौसम के चलते कई इलाकों में हेलीकॉप्टर सेवाएं बाधित हुईं हैं। प्रमुख सचिव के अनुसार अब तक लगभग 40 से 50 इमारतों को नुकसान पहुंचा है। धराली बाजार का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। राहत कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिल्ली से शव खोजी कुत्तों की टीम भी एयरलिफ्ट कर भेजी जा रही है।
प्रशासन हाई अलर्ट पर, लापता लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक चार मौतों की पुष्टि हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार लापता लोगों की संख्या 50 से अधिक हो सकती है। तेज बारिश और अचानक आई बाढ़ ने लोगों को भागने का भी मौका नहीं दिया।
राज्य और केंद्र सरकारों के संयुक्त प्रयासों के बीच, राहत और बचाव कार्यों को तेज किया जा रहा है ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके और जनहानि को रोका जा सके।