Report By: Kiran Prakash Singh
रांची/चाईबासा, (digitallivenews)।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड के चाईबासा कोर्ट में चल रहे एक मानहानि मामले में जमानत मिल गई है। यह मामला वर्ष 2018 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ दिए गए कथित अपमानजनक बयान से जुड़ा है।
क्या है मामला?
9 जुलाई 2018 को चाईबासा निवासी प्रताप कटियार ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी ने कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान कहा था:
“कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता। यह भाजपा में ही संभव है।”
शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह बयान अमित शाह को लेकर अपमानजनक था और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की मंशा से दिया गया था।
वारंट जारी, कोर्ट में पेशी से बचते रहे राहुल गांधी
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अप्रैल 2022: चाईबासा कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया।
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फरवरी 2024: राहुल गांधी की ओर से कोई जवाब न मिलने पर गैर-जमानती वारंट जारी किया गया।
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कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट से राहत और दोबारा सुनवाई
राहुल गांधी ने व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया, जहां उन्हें कुछ महीनों की राहत मिली।
मार्च 2024 में हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को निष्पादित कर दिया, जिसके बाद चाईबासा कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई।
अंततः कोर्ट से मिली जमानत
मामले की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील ने फिर से व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी की ओर से जमानत की अर्जी लगाई गई, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
यह मामला राजनीतिक बयानबाजी की सीमाओं और सार्वजनिक मंच पर की गई टिप्पणियों के कानूनी नतीजों को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। राहुल गांधी पहले भी कई मानहानि मामलों का सामना कर चुके हैं, जिनमें से कुछ अभी भी अदालतों में लंबित हैं।