Report By: Kiran Prakash Singh
नई दिल्ली,(digitallivenews)20 अगस्त 2025
— भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी के तहत होने वाला सालाना सैन्य युद्धाभ्यास इस बार अलास्का में अपने अब तक के सबसे बड़े संस्करण के रूप में आयोजित होने जा रहा है। 1 सितंबर से शुरू होने वाले इस अभ्यास में भारत की प्रतिष्ठित मद्रास रेजीमेंट के 400 सैनिक भाग लेंगे, जो किसी भी द्विपक्षीय अभ्यास में अब तक की सबसे बड़ी भारतीय भागीदारी होगी।
युद्धाभ्यास: रणनीतिक साझेदारी की मिसाल
भारत और अमेरिका के बीच यह सैन्य अभ्यास वर्ष 2004 से लगातार किया जा रहा है। यह अभ्यास वर्ष में एक बार भारत और एक बार अमेरिका में आयोजित होता है। पिछला संस्करण भारत के राजस्थान स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुआ था, जबकि उससे पहले का आयोजन भी अलास्का में हुआ था।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य: संबंधों में तनाव के बावजूद अभ्यास
हाल ही में “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक तनाव गहरा गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाक के बीच युद्ध रुकवाया था, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया कि ऑपरेशन पाकिस्तानी डीजीएमओ की अपील पर रोका गया था।
इसके जवाब में ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में भी खटास आ गई। इसके अलावा व्हाइट हाउस में ट्रंप द्वारा पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को लंच पर बुलाना भी भारत के लिए कूटनीतिक रूप से संवेदनशील रहा।
सामरिक लिहाज से अहम युद्धाभ्यास
इन सबके बावजूद, अमेरिकी सेना और भारतीय सेना का यह साझा युद्धाभ्यास दोनों देशों की सैन्य प्रतिबद्धता और रणनीतिक समझदारी को दर्शाता है। ऐसे समय में जब पश्चिमी मीडिया ने भारत द्वारा अमेरिका के साथ रक्षा सौदों को रद्द करने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा रद्द करने की खबरें चलाई थीं, भारत के रक्षा मंत्रालय ने उन्हें बेबुनियाद करार दिया।
निष्कर्ष
यह युद्धाभ्यास ना सिर्फ सैन्य प्रशिक्षण का हिस्सा है, बल्कि यह एक सशक्त संदेश भी है कि रणनीतिक साझेदारियां अस्थायी कूटनीतिक झटकों से नहीं डगमगातीं। आने वाले समय में यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सैन्य तालमेल, संयुक्त ऑपरेशंस की क्षमता और रणनीतिक विश्वास को और मजबूती देगा।