नई दिल्ली में सांसदों के लिए नए आवासों का उद्घाटन, पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना

Report By: Kiran Prakash Singh

नई दिल्ली,(digitallivenews) 11 अगस्त:


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजधानी दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर संसद सदस्यों के लिए बनाए गए 184 टाइप-7 बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया। उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने परियोजना को ‘सांसदों की कार्यक्षमता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम’ बताया, लेकिन साथ ही एक राजनीतिक तंज भी कसते हुए विपक्ष पर निशाना साधा।

चार टावर, चार नदियाँ — और एक तंज

इन बहुमंजिला टावरों को भारत की चार प्रमुख नदियों — कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली — के नाम पर रखा गया है। इस पर टिप्पणी करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “कुछ लोगों को ‘कोसी’ नाम पर दिक्कत हो सकती है, क्योंकि वे इसे एक नदी नहीं, बल्कि बिहार चुनाव के चश्मे से देखेंगे।” यह बयान स्पष्ट रूप से विपक्ष पर कटाक्ष था, क्योंकि बिहार में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

विपक्ष और मतदाता सूची विवाद

बिहार में इस समय मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार की शह पर चुनाव आयोग वोटर लिस्ट से जानबूझ कर नाम हटा रहा है। सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इसे पूरी तरह चुनाव आयोग की प्रक्रिया बताया है।

सांसदों को बेहतर सुविधाएं

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन नए फ्लैटों से सांसदों को आवास की समस्या से राहत मिलेगी और वे अपने काम पर बेहतर ढंग से ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि 2014 तक कोई नया सांसद आवास नहीं बना था, लेकिन उनकी सरकार ने इसे एक अभियान के रूप में लिया, और अब तक लगभग 350 सांसद आवास बनाए जा चुके हैं।

श्रमिकों से संवाद और पर्यावरण का संदेश

उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों से मुलाकात की और उनकी मेहनत की सराहना की। साथ ही, उन्होंने सिंदूर का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।

स्वच्छता पर विशेष बल

प्रधानमंत्री ने नए परिसरों में स्वच्छता बनाए रखने की अपील की और कहा कि “इन इमारतों की पहचान स्वच्छता होनी चाहिए।” उन्होंने सांसदों से अपेक्षा जताई कि यह परिसर स्वच्छता के मानकों में एक उदाहरण बने।


निष्कर्ष

पीएम मोदी का यह उद्घाटन केवल बुनियादी ढांचे की उपलब्धि नहीं था, बल्कि उसमें राजनीतिक संकेत, प्रशासनिक प्राथमिकताएं और सामाजिक संदेश — तीनों शामिल थे। जहां एक ओर सांसदों के लिए बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं, वहीं चुनावी माहौल में उनके बयानों ने विपक्ष को भी सीधे घेरा है।

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