Report By: Kiran Prakash Singh
नई दिल्ली, (digitallivenews)।
पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ राजनीतिज्ञ सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था। उनकी हालत पिछले कुछ दिनों से गंभीर बताई जा रही थी।
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर
सत्यपाल मलिक ने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की थी। वे समाजवादी विचारधारा के नेता थे और उन्होंने सांसद के रूप में भी काम किया। इसके बाद उन्होंने कई राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
बीते कुछ वर्षों तक मलिक भाजपा से जुड़े रहे, लेकिन बाद में वे केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर आलोचक बन गए।
किसान आंदोलन के समर्थन में मुखर रहे
सत्यपाल मलिक खुद को चौधरी चरण सिंह का शिष्य बताते थे और वे किसानों के आंदोलन के समर्थन में सक्रिय थे। उन्होंने केंद्र सरकार की तीन विवादित कृषि बिलों की तीखी आलोचना की और कई राज्यों में किसानों के समर्थन में दौरे किए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सीधे हमले किए और केंद्र सरकार की नीतियों पर अपनी असहमति जताई।
निधन की पुष्टि
उनके निधन की जानकारी उनके एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से भी मिली, जहां 9 जुलाई को उनके निजी सहायक ने उनकी गंभीर स्थिति की जानकारी दी थी। मंगलवार दोपहर को यह खबर आई कि सत्यपाल मलिक अब हमारे बीच नहीं रहे।
निष्कर्ष
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन विवादों और साहसिक बयानों से भरा रहा। सांसद से लेकर राज्यपाल तक का सफर तय करने वाले मलिक ने देश की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई।