Report By: Kiran Prakash Singh
-ये अमेरिका की ब्लैकमेलिंग ऑपरेशन सिंदूर भी रुकवाया, समझौता भी नहीं किया
नई दिल्ली,(digitallivenews)।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा और भारत-पाकिस्तान युद्ध संबंधी विवादास्पद बयान पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, उन्होंने दोनों मुद्दों पर केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को देश की जनता को जवाब देना चाहिए।
प्रियंका ने कहा कि सबने देखा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने क्या कहा है, उन्होंने टैरिफ के बारे में बात की, जंग के बारे में फिर से कहा कि उनके कहने पर भारत और पाकिस्तान ने जंग रोकी, दोनों बातों पर सरकार को जवाब देना होगा।
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा पीएम मोदी और भारत के लिए एक बड़ा झटका है, हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप का कोई फ़ायदा नहीं हुआ, राष्ट्रपति ट्रंप 30 बार कह चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया और इसलिए रुकवाया ताकि अच्छी ट्रेड डील हो सके।
अब 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा कर दी है और जुर्माना भी लगाने की बात कही है, ऐसे में सवाल है कि इस दोस्ती से हमें क्या मिला? सवाल ये भी कि अमेरिका कौन होता है हमें ये बताने के लिए हम कहां से क्या खरीदेंगे? रमेश ने कहा कि यह हमारे देश, हमारी अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री के लिए बहुत बड़ा झटका है, लेकिन पीएम को डरना नहीं चाहिए, उन्हें डटकर देशहित ऊपर रखना चाहिए।
ये अमेरिका की ब्लैकमेलिंग है, ऑपरेशन सिंदूर भी रुक गया, ट्रेड समझौता भी नहीं हुआ और उसके ऊपर पेनल्टी भी लग गई, राज्यसभा चल रही थी, लेकिन पीएम मोदी सदन में आए नहीं। पीएम मोदी को पता चल गया था कि सवाल ट्रंप पर किया जाएगा, क्योंकि 25 फीसदी टैरिफ वाली बात सामने आ चुकी है।
हम ये सोच रहे थे कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौतियां पाकिस्तान और चीन है, लेकिन अब अमेरिका भी हमारे लिए मुसीबत बन गया है, वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने ट्रम्प द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा पर कहा कि कुछ दिनों पहले एक प्रेस वार्ता के दौरान जब किसी पत्रकार ने ट्रम्प से पीएम मोदी के बारे में पूछा तो ट्रम्प ने कहा कि मोदी मेरे दोस्त हैं, लेकिन मुझे पाकिस्तान से प्यार है…ट्रम्प का व्यवहार पूरी दुनिया में दूसरे देशों के प्रति ऐसा है कि जैसे वे राजा हों और दूसरे लोग प्रजा हों।
ऐसा कभी किसी बड़े और ताकतवर देश ने दूसरे देशों के साथ नहीं किया है, हिंदुस्तान को नए सिरे से सोचना होगा।